कोरोना का खतरा अभी भी नही टला संयम बरतें
कोविड-19 जैसी महामारी कोरोनावायरस के जिस वक्त अपने देश में मात्र 500—600 मरीज थे, उस समय लॉकडाउन लगाया गया था। लम्बे समय तक लगे लॉक डाउन के कारण अनेक समस्याएं उत्पन्न हुईं। देश की अर्थव्यवस्था बुरी तरह चरमरा सी गई।
इस बीच सबसे ज्यादा बेरोजगारी बढ़ गयी। प्राइवेट कम्पनियों ने अपने यहां के कार्मिकों को निकालना शुरू कर दिया और कोरोना के संकट से जूझ रही जनता के समक्ष जीवन यापन की समस्या उत्पन्न हो गयी। लंबे समय तक लॉकडाउन जारी रहने के बावजूद कोरोनावायरस का प्रकोप खत्म नहीं हुआ तो धीरे-धीरे लॉकडाउन में ढील देने का निर्णय लिया गया और अनलॉक-1 से लेकर अनलॉक-5 तक लॉकडाउन के दौरान लगाए गए प्रतिबंधों में धीरे-धीरे ढील दी जाने लगी। इस दौरान कोरोना के संकट से जूझते लोग अन्य समस्याओं के कारण इतना अधिक परेशान हो चुके हैं कि उन्हें अब कोरोना का खौफ परेशान नहीं कर रहा है। आज स्थिति यह है कि आज की तिथि में देश में 4,930236 संक्रमित मरीज हो चुके हैं तथा अब तक 80776 लोग इस संक्रमण से जान गवां चुके हैं। मरने वालों में तमाम कोरोना वारियर्स डॉक्टर्स, चिकित्सा कर्मी तथा पुलिस कर्मी भी शामिल हैं।
यह ठीक है कि देश के सामने और देशवासियों के समक्ष चुनौतियां अधिक हैं, देश की अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाना सबसे बड़ी चुनौती है, लेकिन जान है तो जहान है। सेहत के प्रति सतर्कता सबसे बड़ी प्राथमिकता है। सेहत ठीक रही तो ही हम अपने कार्य व्यापार को आगे बढ़ा पाएंगे। स्वयं को सुरक्षित रखने में कामयाब होने के साथ-साथ सभी चुनौतियों का सामना करने में सक्षम होंगे। कोरोना का खतरा टलने के बजाय लगातार बढ़ता जा रहा है। इसलिए इससे बचाव के लिए बनाये गये नियमों का पालन करते हुए तथा सेहत के प्रति सतर्कता बरतते हुए आगे बढ़ना ही सही कदम होगा।
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